किससे और कब

मोहब्बत किससे और कब हो जाये अदांजा नहीं होता..!

ये वो घर है, जिसका दरवाजा नहीं होता.

चांद की तरह

तू बिल्कुल चांद की तरह है…

ए सनम..,

नुर भी उतना ही..

गरुर भी उतना ही..

और दूर भी उतना ही.!.