सब में रब दिखता
जिसको
वो ही सच्चा हाजी है
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Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सब में रब दिखता
जिसको
वो ही सच्चा हाजी है
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Wo Kitna Meharban Tha,
Ke Hazaron Ghum De Gaya,
Hum Kitne Khud Gharz Nikle,
Kuch Na De Sakay Pyar Ke Siwa…
Jaha Diwaro me Darar Par Jaati Waha Diwar Gir Jati Hai.
Aur Jaha Rishto Me Darar Par Jaati He
Waha Diwar Khari Ho Jati Hai.
ये मुझे चैन क्यो नहीं पड़ता
एक ही शख्स था जहान में क्या?
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,…..
…,हम तो आपं के रूठ जाने से डरते हैं…
काश तुम भी हो जाओ तुम्हारी यादों की तरह,न वख्त देखो,ना बहाना देखो,बस चले आओ !!
अभी तो राख ही हुए हैं तुझे पाने की चाह में
अभी तो बिखरने का खेल बाकी है
मुझी को देख, कहाँ पर शिकस्त खायी है
अब इसके बाद तुझे शौक़ है तो हारे जा
सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे,
देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे,
पर जब जब सामने आया उनका चेहरा,
सोचा एस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे…..
इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हे “और कितना वक़्त लगेगा”