जरूरी नहीं की काम से ही
थकता है इंसान,
फ़िक्र,ख्याल,धोखे और फरेब भी थका देते है..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जरूरी नहीं की काम से ही
थकता है इंसान,
फ़िक्र,ख्याल,धोखे और फरेब भी थका देते है..!!
जरुरत तोड़ देती है इन्सान के सारे गरूर को …..
ना होती कोई
मज़बूरी तो हर बंदा खुदा होता ।।
इतने बुरे तो न थे , जितने इलज़ाम लगाये लोगो
ने,कुछ मुक्क़दर बुरे थे , कुछ आग लगाई लोगों ने !
यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने.
कि इल्जाम झूठे
भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं !!
अभी साथ था, अब खिलाफ है… वक्त का भी
आदमी जैसा हाल है…!
आहिस्ता बोलने का
उसका अंदाज़ भी कमाल थाकानों ने कुछ सुना नहीं,
पर दिल सब समझ गया
सिर्फ इशारों में होती
मोहोब्बत अगर ..इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता
बस पत्थर
बन के रह जाता ताजमहल ….अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना
देता
लोगो ने तो
बहुत कोशिश की हमे ,रुलाने की..
मगर
दोस्तो ने
ज़िमेदारी उठा रखी है ,हमे हँसाने की…
कोई जन्नत का
तालिब है कोई गम से परेशान है,
ज़रूरत सजदा करवाती है इबादत
कौन करता है..
कीसी ने फूल
से पूछा की जबतुम्हें तोड़ा गया तो तुम्हेंदर्द नहीं हुआ “”फूल ने जवाब
दीया तोड़ने वालाइतना खुश था की मैंअपना दर्द भी भूल गया”