हाथों में सिमट आई

खुशियों का पता,
दूर से हांफते हुए आते बच्चे ने
सरकारी नल से पी सकने जितना पानी पिया,
और गीले हाथों में सिमट आई खुशियों को मल लिया मैली कमीज़ पर…!!!

जिन्हें खुद के

जिन्हें खुद के दम पर भरोसा न हो उन्हें दुश्मनों की जरूरत नहीँ है।
वो पत्ते जिन्हें डालियों पर ही शक हो उन्हें आँधियो की जरूरत नहीँ हैं।

इतने प्यार से

इतने प्यार से चाहा जाए तो पत्थर भी अपने हो जाते हैँ..
न जाने ये मिट्टी के इंसान इतने मगरूर क्यो होते हैँ.!

अगर इश्क़ हुआ

अगर इश्क़ हुआ अगले जनम भी तो तुझसे
ही होगा..!
मेरे इस नादान दिल को तुझ पर भरोसा ही इतना
है…