हम मैं कुछ भी नहीं हैं तुम्हारे सिवा
तुम चाहो तो मेरी साँसों की तलाशी ले लो
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हम मैं कुछ भी नहीं हैं तुम्हारे सिवा
तुम चाहो तो मेरी साँसों की तलाशी ले लो
पलको पर रूका है समन्दर खुमार का,
कितना अजब नशा है तेरे इंतजार का..!!
Maut Ka Intezaar Baaki Hai
Aapka Intjaar Tha, Aur Ab Na Raha
जब अल्फ़ाज़ पन्नों पे शोर करने लगें..
समझ लेना सन्नाटे बढ़ गये हैं दिल मे..
कमी लिबास की तन पर अजीब लगती है,
मुझे अमीर बाप की बेटी गरीब लगती है
दिल भर गया हो तो मना करने में डर कैसा
मोहब्बत में बेवफाओं पर मुकदमा कहाँ होता है
जब कभी आंखों ने तेरे दीदार की सोंची
उलझी तन्हाई ,ख्वाबो से बगावत कर बैठी।
बदलता मौसम, बदलते लोग और बदलते रिश्ते ,
चाहे दिखाई ना दे, मगर ‘महसूस’ जरूर होते हैं..!!
वफा की बात चली तो कुछ रंज पुराने याद आए
दर्द के बिस्तर और वो भीगे सिरहाने याद आए!!
बांसुरी से सिख ले,
एक नया सबक ऐ-जिन्दगी,
लाख सीने में जख्म हो,
फिर भी गुनगुनाती है