कभी नीम सी

कभी नीम सी जिंदगी ।।
कभी नमक सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक शहद सी जिंदगी ।।
कभी पत्थर सी जिंदगी ।।
कभी काँटों सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक मुलायम सी जिंदगी ।।
कभी तपती सी जिंदगी ।।
कभी गीली सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक सलोनी सी जिंदगी ।।
कभी भागती सी जिंदगी ।।
कभी रूकती सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक सुकून सी जिंदगी ।।
कभी सफ़ेद सी जिंदगी ।।
कभी काली सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक रंगीन सी जिंदगी ।।
कभी पराई सी जिंदगी ।।
कभी बेगानी सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक अपनी सी जिंदगी ।।
कभी दिखावे सी जिंदगी ।।
कभी झूठी सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक सच्ची सी जिंदगी ।।

छोड़ रहा हूँ

छोड़ रहा हूँ लफ़्ज़ों तुमको तुम्हारे हाल पे,
ढूंढ लो फिर कोई अधूरी मोहब्बत खुद के लिए…!!!

खुश करने का मौका

किसी को खुश करने का मौका मिले तो खुदगर्ज ना बन जाना,
ऐ दोस्तों…
बड़े नसीब वाले होते है वो,
जो दे पाते है मुस्कान किसी चेहरे पर..!!!

ज़ुर्म फिर से

ज़ुर्म फिर से ज़ुरूरी हो गया है
तंग करने लगी है अच्छाई!
!
ज़ुर्म फिर से ज़ुरूरी हो गया है
तंग करने लगी है अच्छाई!