शराब और मेरा कई बार ब्रेकअप हो चुका है,
पर कमबख्त हर बार मुझे मना लेती है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
शराब और मेरा कई बार ब्रेकअप हो चुका है,
पर कमबख्त हर बार मुझे मना लेती है !!
कहाँ मिलता है कभी
कोई समझने वाला ,
जो भी मिलता है समझा के
चला जाता है
मुझे दिल में बसाने की कोशिश न कर…
मैं ख़याल हूँ मुझे यूँ ही गुज़र जाने दे…
कुछ तब्दिलियाँ और समझौते कर लिए हैं हालात – ए ज़िदंगी से हमने
अब आकाश में मौन तलाशते हैं और पीछे मुड़ कर देखने की आदत छोड़ दी है !!
ना जाने कितनी अनकही बातें कितनी हसरतें साथ ले जाएगें,
लोग झूठ कहते हैं कि खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाएगें!!
अगर है गहराई …तो चल डुबा दे मुझ को,
समंदर नाकाम रहा …अब तेरी आँखो की बारी है!!!
नाराज़ ना होना ए ज़िन्दगी मुझसे….
उसके ख्यालो में डूबकर मैं तेरा ख्याल नही रख पा रहा हूँ….
घोंसला बनाने में यूँ मशग़ूल हो गए,
उड़ने को पंख हैं हम ये भी भूल गए…!!
हंसकर सह जाते हैं हालात के दर्दों-सितम,
हम जैसे मुफलिस सियासत की महेर बानी पर नहीं टिक ते..
मैने समन्दर से सीखी है पानी की पर्दादारी,
उपर से हँसते रहना और गहराईयों मे रो लेना।