लोगों ने कहा

लोगों ने कहा वक़्त के साथ लोग बादल जाते है ..
फिर क्या था …
मैंने कभी उन्हें लोगों में गिना ही नहीं …

इश्क़ का कैदी

इश्क़ का कैदी बनने का अलग ही मज़ा है,
छुटने को दिल नहीं करता और उलझने में मज़ा आता है।।

अब न वो

अब न वो मैं न वो तू है न वो माज़ी है,
जैसे दो साए तमन्ना के सराबों में मिलें…

अब्र बरसते तो

अब्र बरसते तो इनायत उस की
शाख़ तो सिर्फ़ दुआ करती है |
शाम पड़ते ही किसी शख़्स की याद
कूचा-ए-जाँ में सदा करती है |
मसअला जब भी चराग़ों का उठा
फ़ैसला सिर्फ़ हवा करती है |
दुख हुआ करता है कुछ और बयाँ
बात कुछ और हुआ करती है ||