कौन कहता है कि
आंसुओं में वज़न नहीं होता
एक भी छलक जाए
तो मन हल्का हो जाता है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कौन कहता है कि
आंसुओं में वज़न नहीं होता
एक भी छलक जाए
तो मन हल्का हो जाता है|
उमर का जोर न दिखाइए जनाब..
तकाज़ा उमर से ही नहीँ,
ठोकरों से भी होता है..!
उम्र जाया कर दी
औरों के वजूद में नुक़्स निकालते निकालते…
इतना खुद को तराशते
तो खुदा हो जाते…
क्या लूटेगा जमाना खुशियों को
मेरी..
मैं तो खुद अपनी खुशियाँ दूसरों पर लुटा कर जीता हूँ….
बहुत नजदीक आ जाते हैं वो लोग,
जो बिछड़ने का इरादा रखते है…!!.
बच्चे मेरे गली के बहुत ही शरारती हैं,
आज फिर तुम्हारा नाम मेरी दीवार पर लिख गये..
जब से वो मशहूर हो गये हैं, हमसे कुछ दूर हो गये हैं…
कुछ तब्दिलियाँ और समझौते कर लिए हैं
हालात – ए ज़िदंगी से हमने
अब आकाश में मौन तलाशते हैं
और पीछे मुड़ कर देखने की आदत छोड़ दी है !!
क्या ऐसा नही हो सकता …..
हम प्यार मांगे, और तुम गले लगा कर कहो….
“और कुछ”
कौन कहता है तस्वीरें जुआ नहीं खेलती…
हर दिल हारा है… तेरी सूरत देखकर…!!!