जो मिलते हैं.. वो बिछड़ते भी हैं साहेब…
हम नादान थे..
एक शाम की मुलाकात को ज़िन्दगी समझ बैठे..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जो मिलते हैं.. वो बिछड़ते भी हैं साहेब…
हम नादान थे..
एक शाम की मुलाकात को ज़िन्दगी समझ बैठे..
उम्र छोटी है तो क्या..जीवन का हरेक मंजर देखा हैं..!
फरेबी मुस्कुराहटें देखी है..बगल मे छुपा खंजर देखा हैं…
ना हीरो की तमन्ना है और
ना परियों पे मरता हूँ .
वो एकभोली सी लडकी है
जिसे मैं मोहब्बत करता हूँ |
नहीं लेने देंगे सुकून वो मुझको मेरे कफन के बाद भी।
वो और दबाते रहेंगे मुझे मेरे दफ़न के बाद भी।
तुम्हारी प्यार भरी निगाहों को हमें
कुछ ऐसा गुमान होता है
देखो ना मुझे इस कदर मदहोश
नज़रों से कि दिल बेईमान होता है।
बच न सका ख़ुदा भी मोहब्बत के तकाज़ों से,एक महबूब की खातिर सारा जहाँ बना डाला|
यूँ सामने आकर ना बैठा करो..
सब्र तो सब्र है.. हर बार नहीं होता…
जिसने कभी एक भी कसम ना निभाई मोहब्बत की…!!!
वो मुझे बेवफा और मोहब्बत को बेईमान बता गयी|
बहुत याद करता है हमें कोई।
दिल से ये बहम जाता क्यों नहीं।।
छीन लिया जब ज़िन्दगी ने, ख्वाईशो को मुज से।
पैर मेरे खुद-ब-खुद, चादर के अंदर आ गये।