इश्क़ का रंग और भी गुलनार हो जाता है……!!
जब दो शायरो को एक दूसरे से
प्यार हो जाता है……!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इश्क़ का रंग और भी गुलनार हो जाता है……!!
जब दो शायरो को एक दूसरे से
प्यार हो जाता है……!!
ज़िंदगी एक कहानी के सिवा कुछ भी नहीं
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं|
खामोश रहने का ,
अपना मजा़ है…
नींव के पत्थर ,
कभी बोला नहीं करते !!
उनको सोते हुए देखा था
दमे-सुबह कभी।
क्या बताऊँ जो इन आँखों
ने समां देखा था।।
आप पहलू में जो बैठें
तो संभल कर बैठें।
दिल-ए-बेताब को आदत है
मचल जाने की।।
दिल को तेरी चाहत पे
भरोसा भी बहुत है|
और तुझसे बिछड़ जाने का
डर भी नहीं जाता
लफ़्ज़ों के इतेफ़ाक़ में यूँ बदलाव करके देख ,
तू देख के ना मुस्कुरा , बस मुस्कुरा के देख !!
पालते हैं वे कबूतर पर कतरने के लिए,
ताकि बेबस हों उन्हीं के घर उतरने के लिए!!
मुझे जिंदगी का तजूर्बा तो नहीं पर इतना मालूम है,
छोटा इंसान बडे मौके पर काम आ सकता है।
उनसे बिछुड़े हुए हमें इक ज़माना हो गया।
आँखों से इन अश्कों का रिश्ता पुराना हो गया ।।
क्या कहे किसको कहे हाले- दिल की दास्ताँ ।
प्यार की हक़ीक़तें अब इक फसाना हो
गया ।।
यूँ तो रोज़ मिलते हैं ख़्वाबों मे अक्सर उन्हें
दीदार अब उनका हमसे बेगाना हो गया ।।
हाल मेरा देख कर दोस्त कसते फब्तियाँ
इक बेवफा के प्यार में मजनूं दिवाना हो गया ।।
लोग कहते है सच्चा प्यार अब मिलता कहाँ
प्यार मे अब दिल लगाना दिल जलाना हो गया ।।