इश्क़ का रंग

इश्क़ का रंग और भी गुलनार हो जाता है……!!

जब दो शायरो को एक दूसरे से

प्यार हो जाता है……!!

उनसे बिछुड़े हुए

उनसे बिछुड़े हुए हमें इक ज़माना हो गया।
आँखों से इन अश्कों का रिश्ता पुराना हो गया ।।
क्या कहे किसको कहे हाले- दिल की दास्ताँ ।
प्यार की हक़ीक़तें अब इक फसाना हो
गया ।।
यूँ तो रोज़ मिलते हैं ख़्वाबों मे अक्सर उन्हें
दीदार अब उनका हमसे बेगाना हो गया ।।
हाल मेरा देख कर दोस्त कसते फब्तियाँ
इक बेवफा के प्यार में मजनूं दिवाना हो गया ।।
लोग कहते है सच्चा प्यार अब मिलता कहाँ
प्यार मे अब दिल लगाना दिल जलाना हो गया ।।