“मोहब्बत की बर्बादी का क्या अफसाना था”..!!
::
::
“दिल के टुकडे हो गये और लोगों ने कहा वाह क्या निशाना था”..!!
Tag: प्यार
राख बेशक हूँ मगर मुझ में हरकत है
राख बेशक हूँ
मगर मुझ में हरकत है अभी भी ….
जिसको जलने की तमन्ना हो हवा दे मुझको…..
कितनी मासूम होती हैं ये दिल की धड़कनें
कितनी मासूम होती हैं ये दिल की धड़कनें….
कोई सुने या ना सुने, ये खामोश नहीं रेहती !!!
ग़म खाये जा रहा दिल को
ग़म खाये जा रहा दिल को इस ही एक बात का,,,,
ढल गया ह दिन अब बोझ उठाना ह रात का ।
जब तक शीशा था
जब तक शीशा था , लोगो ने बहुत तोडा।
जिस दिन पत्थर बना , लोगो ने देवता मान लिया॥
हमें तो जो भी मिला वो ख़ुदा
हमें तो जो भी मिला वो ख़ुदा बन के ही मिला,
कहाँ हैं वो जिन्हें कोई ख़ुदा नहीं मिलता.
देखते हैं अब क्या मुकाम
देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहेब,
सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से.
कभी इनका हुआ हूँ मैं..
कभी इनका हुआ हूँ मैं… कभी उनका हुआ हूँ मैं… खुद के लिए कोशिश नहीं की… मगर सबका हुआ हूँ मैं… मेरी हस्ती बहुत छोटी… मेरा रुतबा नहीं कुछ भी… लेकिन डूबते के लिए… सदा तिनका हुआ हूँ मै…
नीचे गिरे सूखे पत्तों पर अदब से
“नीचे गिरे सूखे पत्तों पर
अदब से ही चलना ज़रा
कभी कड़ी धूप में तुमने
इनसे ही पनाह माँगी थी।”
मैं थक गया था …
मैं थक गया था …
परवाह करते करते,
जब से ला-परवाह हुआ हूँ
आराम सा है..!!!