आरज़ू तो पूरी हो

कोई दावत तो उसे दे आए जाकर जनाज़े में मेरे शरीक़ होने की
आखिरी सफर में ही सही हमसफ़र बनाने की आरज़ू तो पूरी हो |

वक़्त गुज़र जायेगा

साथ रहते यूँ ही वक़्त गुज़र जायेगा;
दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा ,
जी लो ये पल जब हम साथ हैं;
कल क्या पता वक़्त कहाँ ले जायेगा।

अमीर हो जाएँगे..

निकलेगी बारात जब तेरी गली से तो इतनी ..

गोलिया चलाएंगे की तेरे पड़ोसी भी पीतल बेच बेच के अमीर हो जाएँगे..

जब चाहत हो

पाने बाला पा जाता है ,
मेहनत करना रंग लाता है ,
पाने की जब चाहत हो तो,
ताज चलकर खुद आता है ….!!