हर बात मानी है तेरी सर झुका करऐ जिंदगी,
हिसाब बराबर करतू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हर बात मानी है तेरी सर झुका करऐ जिंदगी,
हिसाब बराबर करतू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी|
सिमटते जा रहें हैं दिल और जज्बात के रिश्ते
सौदा करने में जो माहिर है बस वही धनवान है
रहता तो नशा तेरी यादों का ही है, कोई पूछे तो कह देता हुँ ,पी रखी है…
महोब्ब्त दिल में कुछ ऐसी होनी चाहिये
की हासिल भले दुसरे को हो
पर कमी उसको ज़िन्दगी भर अपनी होनी चाहिय !!
प्लम्बर कितना भी
एक्सपर्ट क्यों न हो…? पर…
वो आँखों से टपकता पानी बंद नहीं कर सकता..
उनके लिये तो दोस्त ही चाहिये ॥
इतनी ठोकरे देने के लिये शुक्रिया ए जिंदगी,
चलने का ना सही… संभलने का हुनर तो आ गया…..|
ये तेरी आधी अधूरी मोहब्बत बहुत तकलीफ देती है,
न ही खुद मरती है न ही मेरी जान लेती है!
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िंदगी हमने;
सोचो अगर तुम मोहब्बत करते तो हम क्या करते।
कोई होंठों पे उंगली
रख गया था ! उसी दिन से मैं लिखकर बोलता हूं !!
Kis kadar karu mukaddma main uper
uski bewafai ke,
Mera dil bhi wakeel uska