इन मासूम निगाहों को

इन मासूम निगाहों को पहचानती तो होगी न तुम.!! !!.अब इनमे दर्द और अश्कों की वजह सिर्फ तुम हो..

खींचो न कमानों को

खींचो न कमानों को,न तलवार निकालो, ग़र दुश्मन हो मुकाबिल तो अखबार निकालो।

बड़ी नादान है

बड़ी नादान है इस निकम्मे दिल की.. हरकतें जो मिल गया उसकी कदर ही नहीं, और जो ना मिला उसे भूलता नहीं

एक हमसफर वो होता है

एक हमसफर वो होता है जो पूरी जिंदगी साथ निभाये , और एक हमसफर वो जो चंद लम्हो में पूरी जिंदगी दे जाये|

लो खत्म हुई

लो खत्म हुई रंग-ऐ-गुलाल की शोखियां चलो यारो फिर बेरंग दुनिया में लौट चले।

दूर हो जाने की तलब

दूर हो जाने की तलब है तो शौक से जा बस याद रहे की मुड़कर देखने की आदत इधर भी नही|

कभी इतना मत मुस्कुराना

कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की, हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!

किसके सर डाले इल्जाम

किसके सर डाले इल्जाम मौत ए मासुमियत का शौक भी तो हमे ही था समझदार होने का

हम मिल गये है

चलो ना….. जी ले कुछ इस कदर, कि लगे जैसे…. जिन्दगी हमे नहीं, जिन्दगी को हम मिल गये है..

उमर बीत गई

उमर बीत गई पर एक जरा सी बात समझ में नहीं आई हो जाए जिनसे महोब्बत, वो लोग कदर क्यूं नहीं करते |

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