यूँ तो मुझे किसी के भी
छोड़ जाने का गम नहीं बस,
कोई ऐसा था जिससे ये उम्मीद नहीं थी..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
यूँ तो मुझे किसी के भी
छोड़ जाने का गम नहीं बस,
कोई ऐसा था जिससे ये उम्मीद नहीं थी..
एक तुम ही हमारे ना हुए…
वरना दुनिया में क्या कुछ नही होता…
फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग
देख फीका न पड़े आज मुलाक़ात का रंग |
तकलीफों ने ऐसा तराशा है मुझको…
हर गम के बाद ज्यादा चमकता हूँ..
वक्त इंसान पे ऐसा भी कभी आता है
राह में छोड़ के साया भी चला जाता है|
जिसके खेत सूखे सूखे से थे..
पानी,उसी की आँखों में नजर
आया….!!!
तकलीफों ने ऐसा तराशा है मुझको…
हर गम के बाद ज्यादा चमकता हूँ..
दर्द को भी दर्द होता होगा..!!!
जब नाम-ऐ…इश्क़ आता होगा..!!!
जब इत्मीनान से, खंगाला खुद को,
थोड़ा मै मिला, और बहुत सारे तुम…
ऐ समंदर! तुझे गुमान है अपने कद पर…
मैं नन्हा सा परिंदा तेरे ऊपर से गुज़र जाता हूँ!