कागज पे तो अदालत चलती है,
हमें तो तेरी आँखो
के फैसले मंजूर है..!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कागज पे तो अदालत चलती है,
हमें तो तेरी आँखो
के फैसले मंजूर है..!
वक़्त बदला तो
बदल गये वो लोग,
जो महफ़िलो में
सबसे अज़ीज़ आशना थे.!!
आशिक
था जो मेरे अन्दर वो कई साल पहले मर गया…!
अब
तो एक शायर है,
जो बहकी बहकी बाते करता है..!!
पलकों की हद तोड़ के दामन पे आ गिरा,
एक आंसू मेरे सबर की तौहीन कर गया…..
है हमसफर मेरा तू..
अब…
मंझिल-ऐ-जुस्तजू क्या…??
खुद ही कायनात हूँ…
अब….
अरमान-ऐ-अंजुमन क्या…???
दर्द छुपाना भी
एक हुनर है,
वरना नमक तो
हर मुठी में है..!!
वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा
अनमोल होता है
जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा
माहौल होता है |
बहुत दिन हुए तुमने,
बदली नहीं तस्वीर अपनी!
मैंने तो सुना था,
चाँद रोज़ बदलता हैं चेहरा अपना!!
कोई रिश्ता बना के
मुतमईन होना नही अच्छा !!
मुहब्बत आखिरी हद तक
ताल्लुक आजमाती है!!
कैसे सबूत दूँ तुझे मेरी मोहब्बत का…??
फूलों की महक देखनी हो…..
तो जज़्बात की निग़ाह चाहिये….!!