शिकवा करने गये थे और इबादत सी हो गई, तुझे भुलाने की ज़िद थी, मगर तेरी आदत सी हो गई…!!!
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तुम्हारी यादोँ मे भीग रहा था
खिड़की से बाहर जो देखा तो आज फिर बादल बरस रहे थे, और मैं अन्दर कतरा-कतरा तुम्हारी यादोँ मे भीग रहा था…!!!
बिना हासिल किये किसी को चाहना
हासिल करके मुहोब्बत तो हर कोई कर सकता है.. बिना हासिल किये किसी को चाहना कोइ हमसे पूछे..
मैं ज़माने से नहीं हारा
ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है, मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है…
वो शाम जो अब तक उधार है
उसने पूछा कि कौन सा तोहफा है मनपसंद, मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है…
ढून्ढ रहा हूँ मैं अपने अन्दर
अब तक ढून्ढ रहा हूँ मैं अपने अन्दर के उस शख्स को, जो नज़र से खो गया है नज़र आने के बाद
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन, अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद, मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
मेरी साँसें तेरी मोहताज है
मेरी साँसें तेरी मोहताज है… तेरा दीदार … उधार दे दे …
महसूस जरुर होते हैँ
बदलता मौसम….. बदलते रिश्ते…. और बदलते लोग…… दिखते भले ना हो …… महसूस जरुर होते हैँ……