मृत्यु के बाद

मृत्यु के बाद
यही है
जीवन का कड़वा सच:-
1:-“पत्नी ” मकान तक
?
2:-“समाज”शमशान तक
3:-“पुत्र”अग्निदान तक

सिर्फ आप के
“कर्म” भगवान तक

दिल की xerox

आज दिल की xerox निकलवाई…..

सिर्फ बचपन

वाली तस्वीरें ही रंगीन नज़र आई ……

हालांकि मेरी माँ

हालांकि मेरी माँ ने कभी तंत्र विद्या नहीं सीखी है

पर जिस

लड़की पर मै फ़िदा होता हूँ मेरी माँ एक नजर में बता देती है कि ये

चुड़ैल है..

एक नफरत ही हैं

एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं..

वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं.

प्रेम से देती है

प्रेम से देती है, वह है “बहन”
झगङकर देता है, वह है “भाई”
पुछकर देता है, वह है “पिताजी”
और बिना माँगे सबकुछ दे देती है
वह है…”माँ'”

आसमां पर ग़ुबार

आसमां पर ग़ुबार क्यों है आज
दिल मेरा बेक़रार क्यों है आज
हर जगह से धुँआँ सा उठता है
कुछ न कुछ तो कहीं हुआ है आज
है ख़बर गरम आसमानों में
कोई बन बैठा हुकमराँ है आज
कैसा ऊँट और कौन सी करवट
हम भी इन्तज़ार में हैं आज
शािदयाने कहीं, कहीं मातम
िकतने चेहरे हैं इस शहर के आज
इक तरफ़ है जुलूस फ़ातेह का
इक तरफ़ रो रही है बेवा आज
िकस का घर आएगा ज़द में
आग से मन रही हैं ख़ुशियाँ आज
जो न कर पारहे हैं काम अपना
रोज़ी मारी गई है उनकी आज
कहते हैं ख़ुशियाँ ख़्वाब लाती हैं
ख़्वाब में देखते हैं रोटी आज
आफ़रीन ऐसे हुक्मरानों पर
िजनके होते नसीब हेटा आज
ऐ ख़ुदा उसको इतना दिखलादेकल िमलेगा वही जो बोया आज !