अल्फाज़ अक्सर अधूरे ही रह जाते है मोहब्बत में ,
हर सख्स किसी न किसी की चाहत दिल में दबाये रखता है|
Tag: प्यार शायरी
अगर लोग यूँ ही
अगर लोग यूँ ही कमिया निकालते रहे तो,…
एक दिन सिर्फ खुबिया ही रह जायेगी मुझमे …
केवल दस्ताने निकले..
जिनको थामा हाथ समझ कर,
वो केवल दस्ताने निकले..!
हंसी हंसी में
तुम मुझे हंसी हंसी में खो तो दोगे,
पर याद रखना… आंसुओं में ढ़ूंढ़ोगे…
नया कुछ भी नहीं
है नया कुछ भी नहीं क्यूं इस क़दर हैरां हुए,
साथ चलने को तुम्हारे,अय मियाँ कोई नहीं
अर्थ लापता हैं
अर्थ लापता हैं या फिर शायद शब्द खो गए हैं,
रह जाती है मेरी हर बात क्यूँ इरशाद होते होते….
आसमाँ की बुलंदी से
तुम आसमाँ की बुलंदी से जल्द लौट आना
हमें ज़मीं के मसाइल पे बात करनी है..!
घरों पे नाम थे
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला…!
उदासी पूछती है
गलियों की उदासी पूछती है, घर का सन्नाटा कहता है..
इस शहर का हर रहने वाला क्यूँ दूसरे शहर में रहता है..!
रूठ जाते हैं
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम
असल में उन्ही से रिश्ते गहरे होते हैं…