दिल की धडकनों में अचानक ये इज़ाफा कैसा…..
उसके होंठो पे कहीं नाम हमारा तो नही.
Tag: प्यारी शायरी
ताल्लुक भी खत्म
काश..!
निगाहे फेर लेने से…
ताल्लुक भी खत्म हो जाते..!!
मेरा भी वक्त आएगा
छत , इतवार , परिंदे , पेड , किताब , कलम , शाम …
मैंने कहा था ना मेरा भी वक्त आएगा .!!
खुल सकती हैं
खुल सकती हैं रुमाल की गांठें बस ज़रा से जतन से मगर,
लोग कैंचियां चला कर, सारा फ़साना बदल देते हैं.. !!!
अपना क्या है
जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ
अपना क्या है सारे शहर का इक जैसा नुक़सान हुआ
गुलाबों को नहीं
गुलाबों को नहीं आया अभी तक इस तरह खिलना..,
सुबह को जिस तरह वो नींद से बे’दार होती है….
जिंदगी पर बस
जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूँ मैं….
बहुत मजबूत रिश्ते थे मेरे….
पर बहुत कमजोर लोगों से…..
तारीफ़ करें खुदा
औकात क्या जो लिखूं नात आका की शान में।
खुद तारीफ़ करें खुदा मुस्तफ़ा की कुरान में।
और कीड़े पड़ेंगे देखना तुम उसकी ज़बान में।
गुस्ताख़ी करता हैं जो मेरे आका की शान मे।
नतीजो को इनाम
दुनिया सिर्फ नतीजो को इनाम देती कोशिशो को नही.
माँ-बाप घर पर है
वो अनजान चला है
जन्नत को पाने की खातिर
बेख़बर को इत्तला कर दो की
माँ-बाप घर पर है|