बेनाम आरजू की वजह ना पूछिये,
कोई अजनबी था, रूह का दर्द बन गया…!
Tag: प्यारी शायरी
कहने को कुछ नहीं
कहने को कुछ नहीं …आह भी चुप सी घुट रही है सीने में !!
दीवाना पूछता है
दीवाना पूछता है ये लहरों से बार-बार…
कुछ बस्तियाँ यहाँ थीं बताओ किधर गईं…!!!
तू मूझे नवाज़ता है
तू मूझे नवाज़ता है, ये तेरा करम है मेरे
मौला
वरना तेरी मेहरबानी के लायक मेरी
इबादत कहाँ|
हर ज़ुबां में
हर ज़ुबां में कह के देख लिया
हाल ए दिल उनसे,
एक ख़ामोशी को भी अब
आज़मां के देखते हैं|
सोचता तक नहीं हूँ
सोचता तक नहीं हूँ यारा कभी, मेरे मुकद्दर मै क्या क्या है
मुस्करा कर मुलाकात करता हूँ वक्त के हर एक लम्हे से|
अजब ये है कि
अजब ये है कि मोहब्बत नहीं की अब तक;
ग़ज़ब ये है कि फिर भी शायरी का हुनर रखते हैं…
वो तैरते तैरते डूब गये
वो तैरते तैरते डूब गये, जिन्हे खुद पर गुमान था…
और वो डूबते डूबते भी तर गये.. जिन पर तू मेहरबान था ।
बस इतनी सी
बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है !
हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है…!!!
जिन्दगी जीने का मजा
जिन्दगी जीने का मजा तब तक जब तक वो जरा अधूरी रही,
मौका दूसरा हर किसी के मुकद्दर में हो ये जरूरी नहीं।।