गिरा ना पाओगे लाख चाहकर भी मेरी शख्सियत को,
मेरा कारवां मेरे चाहने वालों से चलता हैं न की नफरत करने वालों से…!!!
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मत तरसा किसी को
मत तरसा किसी को इतना,अपनी मोहब्बत के लिये..
क्या पता तेरी ही मोहब्बत पाने के लिए, जी रहा हो कोई….
इश्क कौन सा जरूरी है..
तेरी खामोशी अगर
तेरी मजबुरी है…
तो रहने दे इश्क
कौन सा जरूरी है..
हम भी मोहब्बत करते हैं…
हम भी मोहब्बत करते हैं… पर बोलते नही
क्योकि रिश्ते निभाते है….तौलते नही….
तेरी मौहब्बत के कर्ज का
तेरी मौहब्बत के कर्ज का,अब कैसे हिसाब हो….
तू गले लगाकर कहती है,आप बड़े खराब हो…
हम भी मुस्कुराते थे
हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से
देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में…..
भूलना सीखिए जनाब
भूलना सीखिए जनाब
एक दिन दुनिया भी यही करने वाली है|
कुछ तो है
कुछ तो है जो बदल गया
जिन्दगी में मेरी…
अब आइने में चेहरा मेरा
हँसता हुआ नज़र नहीं आता
कहाँ ये जानते थे
कहाँ ये जानते थे
कि
रस्में उल्फ़त कभी यूँ भी निभानी होगी,
तुम सामने भी होंगे और…
हमें नज़रे झुकानी होगी
बड़ी बेअदब है
बड़ी बेअदब है जुल्फें आपकी,हर वो हिस्सा चूमती है जो ख्वाहिश है मेरी !!