तेरा वजूद है

तेरा वजूद है कायम मेरे दिल में उस इक बूँद की तरह…
जो गिर कर सीप में इक दिन मोती बन गयी…

ऐ समन्दर मैं

ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं…
वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनमें मैं समाता हूं…