तुम दूर भी हो पर लगता है यही हो
तुम कहो इश्क़ में तुम्हारा क्या हाल है|
Tag: प्यारी शायरी
इश्क़ की चोट
इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही,
दर्द कम हो या ज़ियादा हो मगर हो तो सही…
ये सुलगते जज्बात
ये सुलगते जज्बात दे रहे है गवाही
क्यों तुम भी हो न इस इश्क़ के भवर में
तू भले ही रत्ती भर
तू भले ही रत्ती भर ना सुनती है
मै तेरा नाम बुदबुदाता रहता हूँ
और कितना परख़ोगे
और कितना परख़ोगे तुम मुझे?
क्या इतना काफ़ी नहीं कि मैनें तुम्हें चुना है।
तुम इतने कठिन क्यूँ हो
तुम इतने कठिन क्यूँ हो की मैं तुम्हे समझ नहीं पाता,
थोड़े से सरल हो जाओ सिर्फ मेरे लिए !!
किसी ने क्या खूब कहा
किसी ने क्या खूब कहा है
सिर्फ गुलाब देने से अगर मोहब्बत हो जाती,
तो माली सारे ‘शहर’ का महबूब बन जाता..
रब के फ़ैसले पर
रब के फ़ैसले पर भला कैसे करुँ शक,
सजा दे रहा है ग़र वो कुछ तो गुनाह रहा होगा !!
लफ़्ज़ों से ग़लतफ़हमियाँ
लफ़्ज़ों से ग़लतफ़हमियाँ बढ़ रहीं है.
चलो ख़ामोशियों में बात करते हैं.
तकिये के लिहाफ में
तकिये के लिहाफ में छुपाकर रखी हैं तेरी यादें,
जब भी तेरी याद आती है मुँह छुपा लेता हूँ