ज़ुल्म इतना ना कर की लोग कहेँ तुझे दुश्मन मेरा..
हमने ज़माने को तुझे अपनी जान बता रखा है..
Tag: प्यारी शायरी
उड़ने दो मिट्टी
उड़ने दो मिट्टी,कहाँ तक उड़ेगी,
हवा का साथ छूटेगा, ज़मीं पर आ गिरेगी…!
मेरी चादर तो
मेरी चादर तो छिनी थी शाम की तनहाई में,
बेरिदाई को मेरी फिर दे गया तशहीर कौन…
क़त्ल करने की
क़त्ल करने की अदा भी हसीं क़ातिल भी हसीं,
न भी मरना हो तो मर जाने को जी चाहे है…
लगता था ज़िन्दगी को
लगता था ज़िन्दगी कोबदलने में वक़्त लगेगा…
क्या पता था बदलता हुआ वक़्त ज़िन्दगी बदल देगा..
अपनी जिंदगी से
अपनी जिंदगी से इस कदर नाराज है हम से …
बस साँसे गुजर रही है मौत की तलाश में……
दो बूंद मेरे प्यार की
दो बूंद मेरे प्यार की पी ले,
जिन्दगी सारी नशे मे गुज़र जाएगी…
लफ़्ज़ों ने बहुत
लफ़्ज़ों ने बहुत मुझको छुपाया लेकिन….
उसने मेरी नज़रों की तलाशी ले ली
अभी तो साथ चलना है
अभी तो साथ चलना है
समंदरों की लहरों मॆं…
किनारे पर ही देखेंगे…
किनारा कौन करता है?
कुछ भी नहीं
कुछ भी नहीं है बाक़ी बाज़ार चल रहा है,
ये कारोबार-ए-दुनिया बेकार चल रहा है|