प्यार की फितरत भी अजीब है यारों…..
जो रुलाते हैं बस उन्हीं को गले लगाकर रोने का दिल करता है।।
Tag: प्यारी शायरी
कभी जो काटती थी
कभी जो काटती थी नोचती थी शाम से मुझको,
कलम से मैं उन्ही
तन्हाइयों की बात करता हूँ..
उससे खफा होकर
उससे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन,
कि उसके मनाने का अंदाज़ कैसा है..
तेरे करीब आकर
तेरे करीब आकर बडी उलझन में हूँ,
मैं गैरों में हूँ या तेरे अपनो में हूँ !!
सितारे सा टूट कर
सितारे सा टूट कर गिरूँगा कहीं एक दिन,पर तेरी सारी ख्वाहिशें पूरी करके जाऊंगा|
चुभते हुए ख्वाबों से
चुभते हुए ख्वाबों से कह दो की अब आया ना करे..
हम तन्हा तसल्ली से रहते है बेकार उलझाया ना करे..।।
तेरी याद ने
तेरी याद ने जख्मो से भर दिया सीना..!!
हर एक साँस पर शक है आखिरी होगी..!!
मेने कहा था न…
मेने कहा था न…की मुझे अपने दिल में ही रहने दो,बेघर बच्चा…. आवारा हो जाता हे!!
बैठे थे अपनी मस्ती में
बैठे थे अपनी मस्ती में के अचानक तड़प उठे,
आकर तेरे ख़्याल ने,अच्छा नहीं किया…
बहुत अजीब हैं
बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की…
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है..!!