मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर ……
वो मुस्करा कर बोले और तुम्हें आता ही क्या है…….
Tag: प्यारी शायरीवक्त शायरी
शराफ़त आज भी है
किसी और के दीदार के लिए उठती नहीं ये आँखे,
बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफ़त आज भी है|
अनजाने शहर में
अनजाने शहर में अपने मिलते है कहाँ
डाली से गिरकर फूल फिर खिलते है कहाँ . . .
आसमान को छूने को रोज जो निकला करे
पिँजरे में कैद पंछी फिर उड़ते है कहाँ . . .
दर्द मिलता है अक्सर अपनो से बिछड़कर
टूट कर आईने भला फिर जुड़ते है कहाँ . . . .
ले जाते है रास्ते जिंदगी के दूर बहुत
मील के पत्थर जमे फिर हिलते है कहाँ . . .
दिल कहाँ कह पाता है औरों को अपनी भला
जख्म हुए गहरे गर फिर भरते है कहाँ . . . .
ले चल खुदा फिर मुझे मेरे शहर की ओर
जीने के अवसर भला फिर मिलते है कहाँ . .