चाहतों ने किया मुझ पे ऐसा असर;
जहाँ देखूं मैं देखूं तुझे हमसफ़र;
मेरी खामोशियाँ भी जुबान बन गयी;
मेरी बेचैनियां इश्क़ की दास्तान बन गयी।
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ये जो हालात हैं
ये जो हालात हैं एक रोज सुधर जायेंगे..
पर कई लोग मेरे दिल से उतर जायेंगे..
मेरी रूह में
मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,
तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे,
यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,
आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे|
जरूरी नहीं की
जरूरी नहीं की हर बात पर तुम मेरा कहा मानों,
दहलीज पर रख दी है चाहत, आगे तुम जानो..!!
निकाल दिया उसने
निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के..!!
वो जिसकी याद मे
वो जिसकी याद मे हमने
खर्च दी जिन्दगी अपनी।वो शख्श आज मुझको
गरीब कह के चला गया ।।
मैं नींद का ज्यादा
मैं नींद का ज्यादा शौकीन तो नहीकुछ ख्वाब ना देखूँ तो गुजारा नही होता..
अगर शक है
अगर शक है मेरी मोहब्बत पे तो दो चार गवाह बुला लो,हम आज, अभी, सबके सामने, ये जिन्दगी तेरे नाम करते है..
भटकने दे तेरी गलीयों में
भटकने दे तेरी गलीयों में बनजारों की तरह,आराम की जिंदगी भी तेरे बगैर बेजान लगती है|
वक्त इशारा देता रहा
वक्त इशारा देता रहा और हम इत्तेफाक़ समझते रहे,बस यूँ ही धोखे ख़ाते गए और इस्तेमाल होते रहा |