Zaalim boltay he log mere lafzo’n ko Db..
Kya bataoon onko ye ek qaatil ki anayat he..!”
Tag: दर्द शायरी
मेरी गली से गुजरा.. घर तक
मेरी गली से गुजरा.. घर तक नहीं आया,
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अच्छा वक्त भी करीबी रिश्तेदार निकला…
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बिन तेरे मुझको ज़िंदगी
बिन तेरे मुझको ज़िंदगी से ख़ौफ़ लगता है, किश्तों में मर रहा हूँ रोज़ लगता है……..
सबका दिल पिघल सकता है
सबका दिल पिघल सकता है, सिवाय वक्त और तक़दीर के…………
ना रख उम्मीद-ए-वफ़ा
ना रख उम्मीद-ए-वफ़ा किसी परिंदे से,जब पर निकल आते हैं तो अपने भी आशियाना भूल जाते हैं.
वो अक्सर देता है मुझे
वो अक्सर देता है मुझे , परिंदों की मिसाल .साफ़ नहीं कहता के , मेरा शहर छोड़ जाओ.
जाते हुए उसने सिर्फ इतना कहा
जाते हुए उसने सिर्फ इतना कहा मुझसे..ओ पागल …अपनी ज़िंदगी जी लेना,वैसे प्यार अच्छा करते हो.
हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो
हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन, अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को.
हम तो जल गये उसकी मोहब्बत में
हम तो जल गये उसकी मोहब्बत में मोमकी तरह, अगर फिर भी वो हमें बेवफा कहे…तो उसकी वफ़ा को सलाम.
उठाकर फूल की पत्ती उसने
उठाकर फूल की पत्ती उसने बङी नजाकत से मसल दी,इशारो इशारो मेँ कह दिया की हम दिल का ये हाल करते है.