इस अदा से

कुछ इस अदा से तोड़े है ताल्लुक उसने,
एक मुद्दत से ढूंढ़ रहा हूँ कसूर अपना !!

आप हसीन है

कुछ आप हसीन है , कुछ मौसम रंगीन है ,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ ,जुर्म दोनो संगीन है !!!

ये जो चंद

ये जो चंद फुर्सत के लम्हे मिलते हैं जीने के लिए,मैं उन्हें
भी तुम्हे सोचतेहुए ही खर्च कर देता हूँ.

फना हो कर

फना हो कर मोहब्बत करूँ या बेपनाह
मोहब्बत करूँ.,
बता तुझे कैसी मोहब्बत पसन्द है, तुझे वैसे मोहब्बत
करूँ..!!!