आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं….
आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं….
आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये…
कुछ दिन से मैंने दर्द की बात नही की …
दुनिया समझ रही हैं बहुत खुश हूं मैं …
दर्द की एक बाढ़ यूँ हमको बहा कर ले गई…
या तो हम चीख़े नहीं या वक़्त ही बहरा रहा…
हम अपने उसूलों से, डगमगाये तो थे ज़रूर;
पर आप भी मुस्करा कर, पलटे तो थे हुज़ूर!
वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!!
हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!
छत कहाँ थी नशीब में, फुटपाथ को जागीर समझ बैठे।
गीले चावल में शक्कर क्या गिरी ,बच्चे खीर समाज बैठे।
बहुत ही खूबसूरत होती है एक तरफ़ा मोहब्बत
ना ही कोई शिकायत होती है और
ना ही कोई बेवफ़ा कहलाता है|
क्यों एक दुआ में अटक के रह गया है दिल,
क्यों तेरे सिवा कुछ और माँगा नही जाता|
तुम मिली तो ऐसा लगा कि पूरी दुनिया को पा लिया…
जब तुम जुदा हुईं मुझसे,
तो ऐसा लगा किसी ने मेरा
दिल ही निकाल लिया|
मंजूर है तेरे हर फैसले, दूर जाने की वजह.. कि मजबूरी होगी कोई तेरी,
आँसू पोंछ ले पगली, मैने कब कहा तेरी बात पर यकीऩ नहीं…