जिन पर लुटा चूका था मैं दुनिया की दौलतें
उन वारिसों ने मुझको कफ़न नाप कर दिया
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जिन पर लुटा चूका था मैं दुनिया की दौलतें
उन वारिसों ने मुझको कफ़न नाप कर दिया
हम तो बस सवाल है
जवाब अगर नही है,,तो आपका
अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला…जिस दिए में जान होगी,, वो दिया रह जाएगा
जहाँ कुछ दर्द का मज़कूर होगा…
हमारा शेर भी मशहूर होगा..
कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई…
कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए..
गया वो वक़्त जब परियों की कहानी हमें सुला देती थी*
अब एक परी का किस्सा हमें सोने नहीं देता रात भर…
कभी यूँ भी तो हो,, परियों की महफ़िल हो
कोई तुम्हारी बात हो और तुम आओ
कोई उन्हें भी नौकरी दे दो
दिल तोडने की डिग्री है उनके पास
संदेशा प्रेम का देता फिरता है वो
घर दिलों में सभी के ही बना देता है!
मुझे फुर्सत से मिलो सब तुम्हे बताऊंगा
कौन कमज़र्फ है और कौन दुआ देता है!