दर्द देने के लिए

अगर

मेरी शायरियो से बुरा लगे,तो बता देना दोस्तो,

मै दर्द बाटने के लिए

लिखता हूँ , दर्द देने के लिए नहीं॥

किससे और कब

मोहब्बत किससे और कब हो जाये अदांजा नहीं होता..!

ये वो घर है, जिसका दरवाजा नहीं होता.

चांद की तरह

तू बिल्कुल चांद की तरह है…

ए सनम..,

नुर भी उतना ही..

गरुर भी उतना ही..

और दूर भी उतना ही.!.