Tanha tha is duniya ki bheer main,
Socha koi nahin mery taqdeer main,
Aik din aap ne pyar ka hath barhaya,
To laga kuch to khas tha hato ki lakeer main…
Tag: जिंदगी शायरी
क्या मासूमियत है
ना जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर..
तेरे सामने आने से ज्यादा,
तुझे छुपके देखना अच्छा लगता है ..
जॊ आँखॊं में
जॊ आँखॊं में देखकर ना समझ पाया प्यार,
अब तुम ही बताओ उसे कैसे करु इजहार …॥
इतना भी प्यार
इतना भी प्यार किस काम का..भूलना भी चाहो तो नफरत की हद तक जाना पढ़े..!!
अपना कहने वाले
“जलने वालों” की दुआ से ही सारी बरकत है.,
वरना., अपना कहने वाले लोग तो याद
भी नही करते..!!
जाने कभी गुलाब
जाने कभी गुलाब लगती हे
जाने कभी शबाब लगती हे
तेरी आखें ही हमें बहारों का ख्बाब लगती हे
में पिए रहु या न पिए रहु,
लड़खड़ाकर ही चलता हु
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हे
जिँदगी नहीं लिखी
कमी तेरे नसीबों में रही होगी, कि जिँदगी नहीं लिखी तेरे संग बिताने को..
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मैने तो हर संभव कोशिश की, तुझे अपना बनाने को..!!
एक रोज इश्क़ हुआ..
नजर,
नमाज,
नजरिया..
सब कुछ बदल गया…
एक रोज इश्क़ हुआ… और मेरा खुदा बदल गया..!!
अजीब कहानी है
अजीब कहानी है इश्क और मोहब्बत की,
कि उसे पाया ही नहीं फिर भी खोने से डरता हूँ.
सोचा ना था
सोचा ना था ज़िंदगी ऐसे फिर से मिलेगी जीने के लिये,
आँख को प्यास लगेगी अपने ही आँसू पीने के लिये…!!!