क्या हसीन इत्तेफाक़ था , तेरी गली में आने का.
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किसी काम से आये थे , किसी काम के ना रहे .
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मैं कर तो लूँ
मैं कर तो लूँ मुहब्बत फिर से मगर
याद है दिल लगाने का अंजाम अबतक|
ना कहने से होती है
ना कहने से होती है , ना सुनाने से,
ये जब शुरू होती है तो बस मुस्कुराने से….
इतना कमाओ की..
जिंदगी मे बस इतना कमाओ की.. जम़ीन पर बैठो तो.. लोग उसे आपका बडप्पन कहें.. औकात नहीं…..
अपनी हालत का खुद को
अपनी हालत का खुद को एहसास नहीं है मुझको….मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं…..!!!!
वो बुलंदियाँ भी
वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब,,
कि इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें…??
वो बर्फ़ का
वो बर्फ़ का शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा..
धीरे धीरे, खुद-ब-खुद शराब हो गया….
आज एक दुश्मन ने
आज एक दुश्मन ने धीरे से कान में कहा,
यार इतना मत मुस्कुराया कर बहोत जलन होती है !!
हम आईना हैं
हम आईना हैं, …….
आईना ही रहेंगे,…..
फ़िक्र वो करें, …….
जिनकी शक्ल में कुछ ……
और दिल में कुछ और है…
जिंदगी क्या हैं
जिंदगी क्या हैं मत पूछो
सवर गई तो दुल्हन, बिखर गई तो तमाशा हैं !