ये शायरी भी दिल बहलाने का एक तरीक़ा है साहब
जिसे हम पा नही सकते उसे अल्फ़ाज़ो में जी लेते है|
Tag: जिंदगी शायरी
डाल दिया नावों ने
डाल दिया नावों ने डेरा किनारे
कन्दील पानी में रात जलती रही|
इश्क़ नाजुक है
इश्क़ नाजुक है बहुत अक्ल का बोझ उठा नहीं सकता|
ज़िन्दगी जब चुप सी रहती है
ज़िन्दगी जब चुप सी रहती है मेरे खामोश सवालो पर
तब दिल की जुबाँ स्याही से पन्नें सजाती है|
नाउम्मीदी में बिखर जाओ
नाउम्मीदी में बिखर जाओ तो बटोर लो खुद को
कि अँधेरी रात के हिस्से में भी एक चाँद होता है।
ये जान भी
ये जान भी निकलेगी थोड़ा इंतज़ार तो कर
तेरे इश्क़ ने मारा है बचूँगा नहीं|
अब ये न पूछना की..
अब ये न पूछना की..
ये अल्फ़ाज़ कहाँ सेलाता हूँ,
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के,
कुछ अपनी सुनाता हूँ|
हम न समझे थे
हम न समझे थे बात इतनी सी ,
ख्वाब शीशे के दुनिया पत्थर की…
देख के दुनिया को
देख के दुनिया को हम भी बदलेंगे अपने मिज़ाज ए ज़िन्दगी ….
..राब्ता सबसे होगा वास्ता किसी से नहीं|
जाने किस किस को
जाने किस किस को लूटा है इस चोर ने मसीहा बनकर,
के आओ
सब मिलकर इश्क पे मुकदमा कर दें..