कल बड़ा शोर था मयखाने में,
बहस छिड़ी थी जाम कौन सा बेहतरीन है,
हमने तेरे होठों का ज़िक्र किया,
और बहस खतम हुयी..
Tag: जिंदगी शायरी
गलती उनकी नहीं
गलती उनकी नहीं कसूरवार मेरी गरीबी थी दोस्तो
हम अपनी औकात भूलकर बड़े लोगों से दिल लगा बैठे !!
चिँगारियोँ को हवा दे
चिँगारियोँ को हवा दे कर हम दामन नहीँ जलाते,
बुलंद इरादे हमारे पूरे शहर मेँ आग लगाते हैँ..
मैं आदर्शों पर
मैं आदर्शों पर चलने की बातें करता हूँ !
मेरा अक्सर लोगों से झगड़ा हो जाता है !!
चलो तुम रास्ते
चलो तुम रास्ते ख़ोजो बिछड़ने के,
हम माहौल पैदा करते है मिलने के !!
सूरज रोज़ अब भी
सूरज रोज़ अब भी बेफ़िज़ूल ही निकलता है ….
तुम गए हो जब से , उजाला नहीं हुआ …
शायरी उसी के
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब..
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो..
निर्धन दिल का है
निर्धन दिल का है धनी, और धनी है दीन।
निर्धन दिल से साफ़ है, और धनी है हीन।।
कोई किसका दास है, कोई किसका दास।
मन फ़क़ीरी खिल्ल उठे, होवे कभी उदास।।
देह काम करता नहीं, बुद्धि न देती साथ।
जब भी मुँह खोलूँ सदा, निकले उलटी बात।।
तलब नहीं कोई
तलब नहीं कोई हमारे लिए तड़पे ,
नफरत भी हो तो कहे आगे बढ़के.!!
जिसे शिद्दत से
जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है,
बस मुद्दतों से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला!