उम्र भर जिस दुनियॉं के लिए लड़े थे हम…
आखिरी वक्त में वहीं तन्हा खड़े थे हम |
Tag: जिंदगी शायरी
मुद्दतों बाद इक ख़ुशी का
मुद्दतों बाद इक ख़ुशी का पता मिला है मुझे,
वो जो कहीं बहुत दूर था आज मिला है मुझे,
उसके इस अनकहे एहसास में डूबा रहा हूँ मैं,
वो जब अश्क लिये आँखों में गले मिला है मुझे..
टूट जाने में
टूट जाने में खिलौनों की तरह होता है,
आदमी इश्क़ में बच्चों की तरह होता है।
कुछ तहखानों में
कुछ तहखानों में चाह कर भी अँधेरा भरा नहीं जा सकता
यकीन न आये तो चले आओ मुझमें….
मेरे शब्दों का पीछा करते हुए …..
मध्यम आंच में चाँद सुलगा रखा है|
तू अगर इश्क़ में
तू अगर इश्क़ में बर्बाद नहीं हो सकता
जा तुझे कोई सबक़ याद नहीं हो सकता |
वो रोज मुझको
वो रोज मुझको देती है जीने के मशवरे…
और वो खुद अपनी मुठ्ठी में मेरी जान लिये बैठी है|
शम्मे न जला तू
शम्मे न जला तू अभी,
रहने दे अंधेरे को..
तू रात के पहलू में |
एक चांद सी लगती है
मेरे दर्द भरे
मेरे दर्द भरे उदास शेर को हौंसला देने वालों,
ज़रा मेरे शिकार लफ़्ज़ों की भी तबियत पूछ लेते।
तुझको पाने की
तुझको पाने की जुस्तजू बहुत है दिल में,
मुझसे अब करिश्मा न होगा ख़ुदा ही करे।
वो तो ऐसा था
वो तो ऐसा था के एक आँसू गिरने की भी वजह पूछा करता था,
पर ना जाने क्यू अब उसे बरसात की पहचान नही होती !!!