रिश्तों में गर्माहट बरकरार रखिए,
मौसम तो अभी और सर्द होगा..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
रिश्तों में गर्माहट बरकरार रखिए,
मौसम तो अभी और सर्द होगा..!!
अब तो परिन्दे भी इश्क करते है बिजली के तारो पर …
पेड़ की ड़ालियाँ अब कहाँ बची है मेरे शहर मे
मत जियो उसके लिए जो दुनिया के लिए खूबसूरत हो |
जियो उसके लिए जो तुम्हारी दुनिया खूबसूरत बनाये
आरज़ू थी तुम्हारी तलब बनने की !!
मलाल ये कि तुम्हारी लत लग गयी !!
तुम्हारे होते हुए भी हम तनहा है,
इससे बढ़कर क्या सबूत होगा तुम्हारी बेरुखी का !!
उसने कहा हम दिन और रात जैसे है, कभी एक नही हो सकते..!! मैंने कहा आओ शाम को मिलते है….!
लफ़्ज़ों से ग़लतफ़हमियाँ बढ़ रहीं है
चलो ख़ामोशियों में बात करते हैं.
शाम ढलते ही दरीचे में मेरा चाँद आकर।
मेरे कमरे में अँधेरा नहीं होने देता।।
कोई जग रहा यहाँ कोई सो रहा वहाँ ,
इस मोहब्बत में ये कैसा उठ रहा धुवाँ !
समंदर बेबसी अपनी, किसी से ‘कह’ नही सकता.
‘हज़ारों’ मील तक ‘फैला’ है, फिर भी ‘बह’ नही सकता..