सीख रहा हूँ

सीख रहा हूँ मै भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर, कड़वे सच ने हमसे, ना जाने, कितने अज़ीज़ छीन लिए|

बडे लोगों से

बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखनाजहां दरिया समन्दर से मिला,,,, दरिया नहीं रहता|

इस जहां में

इस जहां में कब किसी का दर्द अपनाते हैं लोग ,

रुख हवा का देख कर अक्सर बदल जाते हैं लोग|