उम्र भर के

उम्र भर के आंसू ज़िन्दगी भर का ग़म,
मोहब्बत के बाज़ार में बहुत महंगे बिके हम !!

न हथियार से

न हथियार से मिलते हैं न अधिकार से मिलते हैं….!!

दिलों पर कब्जे बस अपने व्यवहार से मिलते है….!!

मेरे दिल से

मेरे दिल से निकलने का रास्ता भी न ढूंढ सके,

और कहते थे तुम्हारी रग-रग से वाकिफ़ है हम..

आज तो हम

आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें,
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!