आज बहुत मेहरबान हो सनम क्या चाहते हो,
हमें पाना चाहते हो या किसी को जलाना चाहते हो…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आज बहुत मेहरबान हो सनम क्या चाहते हो,
हमें पाना चाहते हो या किसी को जलाना चाहते हो…
बहुत मुश्किल नहीं हैं,
ज़िंदगी की सच्चाई समझना,जिस तराज़ू पर दूसरों को तौलते हैं, उस पर कभी ख़ुद बैठ के देखिये।
कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला?
जो भी मिलता है समझा के चला जाता है।
दिल तो बहुत जलता है यारों पर यह सोच के खामोस हु
की दिल की हर जलन को पन्ने में उतारू तो कही पन्ना जल न जाए
यूँ पानी से नहीं थमने वाली तेरी हिचकियाँ,
इलाज़ चाहिए तो हमारी मौत की दुआ किया कर…
हक़ हूँ में तेरा हक़ जताया कर,
यूँ खफा होकर ना सताया कर..
बेहिसाब झूठ कहा तो खुदा मान बैठे..
जरा सा सच बोल दिया बुरा मान बैठे…
कोई ख़ुशबू नहीं, साया नहीं, यादें नहीं पीछे,
मगर आहट किसी की है…कि मुड़कर देख लेता हूं…!!
जिस रिश्ते को बनाए रखने की चाहत
दोनो तरफ़ से एक जैसी ना हो ,उसका टूट जाना बेहतर है ….!!
जब भी जिंदगी रुलाये समझना गुनाह माफ़ हो गये, और जब भी जिंदगी हँसाये समझना दुआ कुबूल हो गयी !!