बेजुबान पत्थर पे

बेजुबान पत्थर पे लदे है करोंडो के गहने मंदिरो में..!

उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हें हाथों को देखा है..!!!

हमें गुजारने को

हमें गुजारने को ज़िन्दगी थी बस एक बहाने कि जरुरत,
रास्ते में लोग गम देते गये और हमारी बसर होती गयी.