बेअसर कहाँ होती है दुआ कोई भी.
.या तेरी कुबूल होगी..या मेरी कुबूल होगी..
Tag: कविता
सबकुछ निभा गया
वो तो मैं था कि पागल सबकुछ निभा गया,
ज़िंदगी भर वर्ना मुह्ब्बत कौन करता है..
दिल अच्छे होते हैं
जिनके दिल अच्छे होते हैं दिमाग वाले उनका अच्छा फायदा उठाते हैं…
टूटे हुए काँच की तरह
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गये
किसी को लग ना जायें, इसलिए सबसे दूर हो गये…!!!
एक तो वैसे ही …..
एक तो वैसे ही ….. तुम्हे भुलाना मुश्किल है
और रोज़ मम्मी……. बादाम खिला देती है.
रोज रोज गिर कर भी
रोज रोज गिर कर भी मुक्कमल खड़ा हूँ,
ऐ मुश्किलों, देखो मे तुमसे कितना बड़ा हूँ…!!
जख्म गरीब का
जख्म गरीब का कभी सूख नहीं पाया,
शहजादी की खरोंच पे तमाम हकीम आ गए…
ना जाने कौन सा
ना जाने कौन सा अमृत पी के पैदा हुई है…. ये मोहब्बत, मर गए कितने हीर और रांझे मगर आज तक जिन्दा है….. ये मोहब्बत .
अभी ज़रा वक़्त है
अभी ज़रा वक़्त है,
उसको मुझे आज़माने दो….
वो रो रोकर पुकारेगी मुझे,
बस मेरा वक़्त तो आने दो….
एक सवाल पूछती है
एक सवाल पूछती है मेरी रूह अक्सर…
मैंने दिल लगाया है या ज़िंदगी दाँव पर…