हर शख्स अपने गम में खोया है…..!!!
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और जिसे गम नहीं, वो कब्र में सोया है…….!!
Tag: कविता
तरस खाओ तो बस इतना बताओ….
तरस खाओ तो बस इतना बताओ….
“हमदम”
वफ़ा नहीं आती या तुम से की नहीं जाती……..
बुलंदियो को पाने की ख्वाहिश तो बहुत है
बुलंदियो को पाने की ख्वाहिश तो बहुत है मगर ,
दूसरों को रौंदने का हुनर कहां से लाऊं….
उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है
उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है,
अपना भी नहीं बनाती और किसी का होने भी नहीं देती….!!
?????
जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गयी है
जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गयी है,
जो मुसाफिर थे वो रास नहीं आये…
जिन्हें चाहा वो साथ नहीं आये।
सिर्फ और सिर्फ तेरे लिए..
सिर्फ और सिर्फ तेरे लिए..
..
आज मैं चाँद भी ले आया हूँ तेरे लिए…!
इमारतें बनती हैं रोज़
इमारतें बनती हैं रोज़,
हर रोज़…
मजदूरों के दफ्तरों में…
इतवार नहीं होते.
मैं भले ही वो काम नहीं करता
मैं भले ही वो काम नहीं करता जिससे खुदा मिले…
पर वो काम जरूर करता हूँ…जिससे दुआ मिले.’;..
जब ख्वाबों के रास्ते
जब ख्वाबों के रास्ते ज़रूरतों की ओर मुड़ जाते हैं
तब असल ज़िन्दगी के मायने समझ में आते हैं
ताल्लुकातों की हिफ़ाज़त
ताल्लुकातों की हिफ़ाज़त के लिये बुरी आदतों का होना भी ज़रूरी है,
ऐब न हों तो लोग महफ़िलों में नहीं बैठाते………..??