एहसान ये रहा मुझ पर तोह़मत लगाने वालों का
उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एहसान ये रहा मुझ पर तोह़मत लगाने वालों का
उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया!!
ख़ता ये हुई,तुम्हे खुद सा समझ बैठे
जबकि,तुम तो…‘तुम’ ही थे
वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा
अनमोल होता है
जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा
माहौल होता है |
कैसे सबूत दूँ तुझे मेरी मोहब्बत का…??
फूलों की महक देखनी हो…..
तो जज़्बात की निग़ाह चाहिये….!!
इस मुक़द्दर की सिर्फ़ मुझसे ही अदावत क्यूँ हैं…
गर मुहब्बत है तो मुझे तुझसे ही मुहब्बत क्यूँ है…
मत दो मुझे खैरात उजालों की… … आज तक उस थकान से दुख रहा है बदन, … पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है ये बात तुम भी कभी न भूलना…
दूर – दूर भगते फिरें, जो हैं ख़ासम – ख़ास।
सभी व्यंजनों की हुई, गायब आज मिठास।।
हर एक शख़्स की अपनी ही एक मंज़िल है,
कोई किसी का यहाँ हम-सफ़र नहीं होता…
जो गुज़ारी न जा सकी हम से,
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है…
दुआ करो कि ये पौदा सदा हरा ही लगे,
उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे…