खामोशियाँ उदासियों से नहीं,
बल्कि यादों की वजह से हुआ करती है …
Tag: कविता
बहुत अजीब है
बहुत अजीब है तेरे बाद की ये बरसातें भी….
मैं अक्सर बंद कमरे में भी भीग जाता हूँ….!!
सितारे भी जाग रहे हो
सितारे भी जाग रहे हो रात भी सोई नाहो!
ऐ चाँद मुझे वहाँ ले चल जहाँ उसके सिवा कोई ना हो!
तेरे होने पर
तेरे होने पर भी ये जो अकेलापन मारता है…
पता नहीं, ये मेरी मुहब्बत की हार है या तेरी बेरुख़ी की जीत|
यह कैसी आग है
यह कैसी आग है जिसमें जल रहें है हम,
जलते ही जा रहे, जले से राख बनते नहीं हम…!!
मज़ा आता अगर
मज़ा आता अगर
गुजरी हुई बातों का अफ्साना,
कहीं से तुम बयां करते,
कहीं से हम बयां करते।।
मेरी उम्र तेरे ख्याल में
मेरी उम्र तेरे ख्याल में गुज़र जाए.. चाहे मेरा ख्याल तुझे उम्रभर ना आए|
इश्क़ तो बेपनाह हुआ…
इश्क़ तो बेपनाह हुआ…कसम से……….
गलती बस ये हुई कि……..हुआ तुमसे
हजारों महफिलें है
हजारों महफिलें है और लाखों मेले हैं,
पर जहां तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं|
इस सलीक़े से
इस सलीक़े से मुझे क़त्ल किया है उसने,
अब भी दुनिया ये समझती है की ज़िंदा हूँ मैं….!!