तेरे होने पर

तेरे होने पर भी ये जो अकेलापन मारता है…
पता नहीं, ये मेरी मुहब्बत की हार है या तेरी बेरुख़ी की जीत|

मज़ा आता अगर

मज़ा आता अगर
गुजरी हुई बातों का अफ्साना,
कहीं से तुम बयां करते,
कहीं से हम बयां करते।।