तुम्हारा दीदार और वो भी आँखों में आँखें डालकर….!
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उफ्फ्फ्फ्फ़…..
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ये कशिश कलम से बयाँ करना भी मेरे बस की बात
नही….!!
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बेवफा कहने से पहले
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना..
कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़देना….!!
ये इश्क का सौदा
“सस्ता” ना समझ, ये इश्क का सौदा,
तेरी “हँसी” के बदले पूरी “ज़िंदगी” दे रहा
हूँ..!!
ज़िन्दगी बदलने के लिए
ज़िन्दगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता है आसान करने के लिए समझना पड़ता है.
बहुत देता है तू उसकी
बहुत देता है तू उसकी गवाहियाँ और उसकी सफाईयाँ,
समझ नहीं आता तू मेरा दिल है या उसका वकील.
अब कौन खरीदेगा
अब कौन खरीदेगा तुम्हारे
ये आसू हीरे के दाम से ,
वो जो दर्द का सौदागर था
अब मोहब्बत छोड दी है उसने !!!!!
मन्दिर तीरथ भटक
मन्दिर तीरथ भटक-भटक कर वृद्ध हो गये छैल।
?चरण पादुका घिस गई घिसा न मन का मैल।
यूँ तो मझे झूठ
यूँ तो मझे झूठ से सख्त नफरत है
लेकिन
अच्छा लगता है
जब वो मुझे अपना कहता है
गिरती हुई बारिश
गिरती हुई बारिश के बूंदों को अपने हाथों से समेट लो,
जितना पानी तुम समेट पाए, उतना याद तुम हमें करते हो,
जितना पानी तुम समेट ना पाई, उतना याद हम तुम्हे करते हैं।
कबड्डी पूरी तरह से
कबड्डी पूरी तरह से भारतीय खेल है।
कैसे?
इसमें सब लोग एक साथ मिलकर एक ऐसे आदमी को
नीचे गिराने में लगे रहते हैं, जो बेचारा कुछ करने आगे
आया है।