हजारो ने दिल हारे है तेरी सुरत देखकर, कौन कहता है तस्वीर जूआँ नही खेलती
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साँसों के ठहर
दिल की खामोशी से साँसों के ठहर जाने तक ! याद आयेगा मुझे वो शख़्स मर जाने तक !!
बच्चे झगड़ रहे थे
बच्चे झगड़ रहे थे मोहल्ले के जाने किस बात पर, सूकून इस बात का था न मंदिर का ज़िक्र था न मस्जिद का.
कुछ लोग फिर
फिर कोई जख्म मिलेगा तैयार रह, ऐ दिल…, ..कुछ लोग फिर पेश आ रहे हैं बहुत प्यार से…
ख़ुद टूट जाते हैं
मुझे इसलिए भी पसंद हैं मासूम लोग, ख़ुद टूट जाते हैं पर दूसरों का दिल नहीं तोड़ते
ज़हर का सवाल
ज़हर का सवाल नहीं था वो तो में पी गया तकलीफ़ लोगों को ये थी की में जी गया ।
बन्दा तू ठीक
मेरे साथ बैठ कर वक़्त भी रोया आज…. . . . . बोला, बन्दा तू ठीक है; मैं ही ख़राब चल रहा हूँ….
इश्क आँखों से
गलत सुना था कि,इश्क आँखों से होता है…. दिल तो वो भी ले जाते है,जो पलकें तक नही उठाते !!
ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को
ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को सलाम !! पता है कि मंज़िल मौत है …. फिर भी दौड़ रही है ….!!!!
कोई चाहता है
हर कोई चाहता है कि सब उसकी तारीफ़ करें पर ? यह इच्छा अंतिम संस्कार वाले दिन ही पूरी होती है